
जिले के प्रतिष्ठित शहीद पार्क की दुर्दशा इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। रखरखाव की कमी और समय पर पानी न मिलने के कारण पार्क की घास सूख चुकी है और कई पौधे मुरझाकर खत्म हो रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस बदहाल स्थिति की वजह नगर पालिका की लापरवाही है।

शहरवासियों के अनुसार, शहीद पार्क न केवल मनोरंजन का स्थान है बल्कि शहीदों की स्मृति में बनाया गया एक महत्वपूर्ण स्थल भी है। लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण यहां आने-जाने वाले लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय नागरिकों ने उठाए गंभीर सवाल:
राहुल गुप्ता स्थानीय निवासी का कहना है कि नगर पालिका द्वारा शहीद पार्क के लिए बोरिंग से निकाला गया पानी पार्क में इस्तेमाल करने के बजाय होटलों में पाइप के जरिए सप्लाई किया जा रहा है। इससे पार्क में हरियाली खत्म हो रही है और लोगों को गंदगी व सूखे पेड़ों के बीच बैठना पड़ रहा है।
राहुल गुप्ता का आरोप है कि नगर पालिका के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह गड़बड़ी हो रही है। पार्क में पेड़-पौधों की देखभाल के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा, जबकि शहर के कुछ होटलों में सरकारी बोरिंग का पानी पहुंचाया जा रहा है।
अशोक स्तंभ की हालत खराब, लाइटें भी खराब
शहीद पार्क की दुर्दशा सिर्फ सूखी घास और मुरझाए पौधों तक ही सीमित नहीं है। पार्क में कई स्थानों पर लाइटें बंद पड़ी हैं, जिससे शाम के समय यहां अंधेरा छाया रहता है। साथ ही, पार्क में स्थापित ऐतिहासिक अशोक स्तंभ का रंग भी उड़ चुका है, जिससे इसका सौंदर्य बिगड़ गया है।
स्थानीय निवासियों ने जताई नाराजगी
पार्क में नियमित सफाई और पानी की उचित व्यवस्था न होने से लोग आक्रोशित हैं। कई बार शिकायतों के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
नगर पालिका से उचित कार्रवाई की मांग
जनता की मांग है कि नगर पालिका इस ओर जल्द ध्यान दे और शहीद पार्क को पुनः हरा-भरा बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
क्या प्रशासन जागेगा?
अब देखना होगा कि नगर पालिका कब तक इस मुद्दे पर कार्रवाई करती है और शहीद पार्क को उसकी पुरानी हरियाली लौटाने के लिए क्या कदम उठाएगी।
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