
संपादक जसीम खान संवाद छत्तीसगढ़/
असम में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बेदखली और हिंसा पर रजा यूनिटी फाउंडेशन कोरबा टिम का राष्ट्रपति को ज्ञापन, प्रशासन से मांगा गया त्वरित हस्तक्षेप

रजा यूनिटी फाउंडेशन, कोरबा, छत्तीसगढ़
दिनांक: 24 जुलाई 2025
विस्तृत जानकारी:
रजा यूनिटी फाउंडेशन, कोरबा, छत्तीसगढ़, के अध्यक्ष सैयद मासुक अली के नेतृत्व में, कोरबा जिला कलेक्टर के माध्यम से माननीय राष्ट्रपति महोदया, भारत गणराज्य को एक ज्ञापन सौंपा गया है। इस ज्ञापन में असम में बंगाली भाषी मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हो रही बेदखली, हिंसा और धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की गंभीर स्थिति को उजागर किया गया है। फाउंडेशन ने इस मानवीय संकट के तत्काल समाधान के लिए उच्चतम स्तर पर हस्तक्षेप की मांग की है।
अवैध बेदखली और बुलडोजर कार्रवाई:
1.असम के गोलपाड़ा (पाइकन रिजर्व फॉरेस्ट में 1,080 परिवार बेघर) और धुबरी (2,000 से अधिक घर ध्वस्त) में बंगाली भाषी मुस्लिम समुदाय के घरों को “अवैध अतिक्रमण” के नाम पर बिना उचित नोटिस या पुनर्वास योजना के ध्वस्त किया गया है, जो सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है।
2.हिंसा और हत्याएं: 17 जुलाई 2025 को गोलपाड़ा में पुलिस फायरिंग में चकवार हुसैन (20 वर्ष) और 12 सितंबर 2024 को सोनापुर, कचुटौली गांव में मोहम्मद हैदर अली व जुबाहिर अली की मृत्यु हुई, जो मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।
3.धार्मिक स्वतंत्रता का हनन: असम विधानसभा द्वारा जुमे की नमाज के लिए दो घंटे का ब्रेक समाप्त करना और मस्जिदों व मदरसों (जैसे दरंग जिले के धौलपुर गांव) को तोड़ना धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है, जिससे समुदाय खुले में नमाज अदा करने को मजबूर है।
4.मानवीय संकट: बेदखली और हिंसा के कारण हजारों परिवार, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं, बिना आश्रय, भोजन और बुनियादी सुविधाओं के खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। भारी बारिश और कठोर मौसम ने उनकी स्थिति को और बदतर बना दिया है।
सैयद मासुक अली द्वारा रखी गई
मांगें:
रजा यूनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष सैयद मासुक अली ने निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
1.बिना उचित नोटिस और पुनर्वास योजना के बेदखली और बुलडोजर कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाई जाए।
चकवार हुसैन (17 जुलाई 2025), मोहम्मद हैदर अली और जुबाहिर अली (12 सितंबर 2024) की मृत्यु की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच हो, और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
2.बेघर हुए परिवारों के लिए तत्काल पुनर्वास और उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।
3.जुमे की नमाज और अन्य धार्मिक प्रथाओं के लिए पूर्ण स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाए, और मस्जिदों व धार्मिक स्थलों को तोड़ने की कार्रवाइयों पर तुरंत रोक लगे।
4.मुस्लिम समुदाय, विशेष रूप से बंगाली भाषी मुसलमानों को “घुसपैठिए” कहकर निशाना बनाना बंद किया जाए।
5.बेघर परिवारों को तत्काल भोजन, आश्रय और चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए।
प्रशासन का आश्वासन:
कोरबा जिला प्रशासन ने ज्ञापन प्राप्त करने की पुष्टि की है और इसे माननीय राष्ट्रपति महोदया के कार्यालय के साथ-साथ संबंधित प्राधिकरणों को अग्रेषित करने का आश्वासन दिया है। प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा है कि इसे उचित स्तर पर विचार के लिए भेजा जाएगा। साथ ही, रजा यूनिटी फाउंडेशन को आश्वस्त किया गया है कि उनकी मांगों को संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा और इस मुद्दे पर आवश्यक कार्रवाई के लिए समन्वय किया जाएगा।
प्रतिलिपि प्रेषित:
ज्ञापन की प्रतिलिपि निम्नलिखित को भेजी गई है:
1.मुख्यमंत्री, असम सरकार, श्री हिमंत बिस्वा सरमा, दिसपुर, गुवाहाटी
जिलाधिकारी, गोलपाड़ा, असम
2..राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली
3.छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग, रायपुर
4.मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, नया रायपुर
5.असम स्टेट माइनॉरिटी कमीशन, गुवाहाटी
संपर्क:
रजा यूनिटी फाउंडेशन, कोरबा, छत्तीसगढ़
अध्यक्ष: सैयद मासुक अली, कोरबा