
संपादक जसीम खान संवाद छत्तीसगढ़/
रायपुर,असम में मुसलमानों पर बेदखली, अत्याचार और धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के खिलाफ रजा यूनिटी फाउंडेशन रायपुर की ओर से राष्ट्रपति को सौंपा गया ज्ञापन

रायपुर, छत्तीसगढ़: रजा यूनिटी फाउंडेशन, जिला रायपुर के प्रभारी सैय्यद नवेद अशरफ़ की अगुवाई में, असम में मुसलमानों के खिलाफ हो रही बेदखली, अत्याचार और धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन, विशेष रूप से नमाज पढ़ने जैसे मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध, के विरोध में आज रायपुर कलेक्टर के माध्यम से माननीय राष्ट्रपति महोदय को एक ज्ञापन सौंपा गया।
यह ज्ञापन असम में बंगाली भाषी मुसलमानों, अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ कथित तौर पर व्यवस्थित बेदखली, हिंसा और धार्मिक स्वतंत्रता के हनन की घटनाओं के प्रति गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए प्रस्तुत किया गया है। विशेष रूप से, नमाज पढ़ने जैसे धार्मिक कृत्यों पर लगाए गए प्रतिबंधों को संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन माना गया है।
सैय्यद नवेद अशरफ़ ने कहा, “असम में मुसलमानों के खिलाफ हो रही बेदखली, अत्याचार और नमाज जैसे धार्मिक कृत्यों पर प्रतिबंध न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह हमारे संविधान में निहित समानता, न्याय और धार्मिक स्वतंत्रता के सिद्धांतों के खिलाफ भी है। हम माननीय राष्ट्रपति से अनुरोध करते हैं कि इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर प्रभावित लोगों को न्याय और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा सुनिश्चित की जाए।”
रजा यूनिटी फाउंडेशन ने मांग की है कि केंद्र और राज्य सरकारें इन घटनाओं की निष्पक्ष जांच करें, प्रभावित समुदायों के अधिकारों की रक्षा करें और असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) तथा अन्य नीतियों के दुरुपयोग को रोकें, जो अल्पसंख्यक समुदायों को लक्षित कर रही हैं। संगठन ने धार्मिक स्वतंत्रता, विशेष रूप से नमाज जैसे पवित्र कृत्यों के अभ्यास की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने की अपील की है।
संगठन ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने और प्रभावित लोगों के लिए कानूनी व सामाजिक सहायता सुनिश्चित करने का संकल्प दोहराया है।
संपर्क:
सैय्यद नवेद अशरफ़
जिला प्रभारी, रजा यूनिटी फाउंडेशन, रायपुर