संपादक जसीम खान संवाद छत्तीसगढ़ न्यूज़ कुसमी बलरामपुर/

छत्तीसगढ़ की पुनरीक्षित हॉफ बिजली बिल योजना से 31 लाख सामान्य और कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को मिलेगा पूर्ववत लाभ
15 लाख बीपीएल परिवारों को मिलती रहेगी मुफ्त बिजली की सुविधा
सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम
बलरामपुर, 05 अगस्त 2025/छत्तीसगढ़ सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने वाली हॉफ बिजली बिल योजना के अंतर्गत दी जाने वाली 400 यूनिट की मासिक छूट की सीमा में युक्तियुक्त संशोधन करते हुए अब 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर 50 प्रतिशत की रियायत देने का निर्णय लिया है।
वर्तमान में राज्य में लगभग 45 लाख घरेलू उपभोक्ता परिवार हैं, जिनमें से 31 लाख परिवारों की मासिक खपत 100 यूनिट से कम है। यह लगभग 70 प्रतिशत उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करता है। अतः इस संशोधन के बावजूद, इन 31 लाख जरूरतमंद सामान्य एवं कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को योजना का लाभ पूर्ववत मिलता रहेगा। इन 31 लाख परिवारों में 15 लाख बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार भी शामिल हैं, जिन्हें पूर्ववत 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। इसके साथ ही वे हॉफ बिजली बिल योजना के तहत अन्य सभी लाभों से भी यथावत लाभान्वित रहेंगे।
राज्य सरकार प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को भी तेजी से लागू कर रही है, जिसके अंतर्गत उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने पर केंद्र और राज्य सरकारों से अधिकतम 1,08,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना के तहत 1 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट से प्रतिमाह औसतन 120 यूनिट बिजली उत्पादन होता है, जिस पर 30,000 रुपये केंद्र से व 15,000 रुपये राज्य से, कुल 45,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। उपभोक्ता को लगभग 15,000 रुपये स्वयं वहन करने होते हैं।
इसी प्रकार 2 किलोवाट प्लांट के लिए प्रतिमाह औसतन 240 यूनिट उत्पादन संभव है, जिस पर 90,000 रुपये तक कुल सब्सिडी (60,000 केंद्र $ 30,000 रुपये राज्य) मिलती है। उपभोक्ता को केवल 30,000 रुपये खर्च करना होता है।
3 किलोवाट क्षमता के प्लांट से प्रतिमाह औसतन 360 यूनिट उत्पादन संभव है और इसमें 78,000 रुपये केंद्र $ 30,000 रुपये राज्य यानी कुल 1,08,000 रुपये की सहायता मिलती है। उपभोक्ता को 72,000 रुपये वहन करना पड़ता है, जो ऋण पर भी उपलब्ध है।
उल्लेखनीय है कि 2 किलोवॉट या अधिक क्षमता वाले प्लांट लगाने वाले उपभोक्ता प्रतिमाह 200 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन 25 साल तक कर सकते हैं, जो हॉफ बिजली योजना से मिलने वाली अधिकतम छूट (400 यूनिट पर 200 यूनिट रियायत) से भी ज्यादा है। ऐसे उपभोक्ता अपने घर में सौर ऊर्जा से उत्पन्न विद्युत का उपयोग कर न सिर्फ बिजली खर्च से मुक्ति पा सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर आय भी अर्जित कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली, स्थायी बचत और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करेगी। साथ ही, पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व निभाने की दिशा में भी यह एक बड़ा कदम साबित होगा। इससे छत्तीसगढ़ के उपभोक्ता हॉफ बिजली बिल से मुफ्त बिजली बिल योजना की ओर स्वाभाविक रूप से अग्रसर होंगे। उपभोक्ता किसी भी योजना पर निर्भर न रहते हुए स्वयं अपनी छत पर ऊर्जा उत्पादन कर “उर्जादाता” बनेंगे। यह रणनीतिक पहल राज्य को स्वच्छ ऊर्जा, आर्थिक बचत और ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में आगे बढ़ाएगी।