पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करने का मामला अब राजनीति का विषय बन चुका है. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी और कहा कि जब कोई व्यक्ति मृत्यु को प्राप्त हो जाता है तो सभी प्रकार की दुश्मनी खत्म हो जानी चाहिए, लेकिन इस मामले में राजनीति हो रही है. सिद्धू ने ये भी सवाल उठाया कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार के बाद उनके स्मारक के लिए राजघाट पर जगह नहीं दी जाती तो क्या देशवासियों को ये ठीक लगता?
नवजोत सिंह सिद्धू ने इस मुद्दे को किसी एक पार्टी का नहीं बल्कि देश के इतिहास से जुड़ा हुआ मुद्दा बताया. उनका कहना था कि पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने देश के विकास में अहम भूमिका निभाई. ऐसे में उनका स्मारक उनके योगदान को सम्मान देने का एक तरीका हो सकता है. सिद्धू ने ये भी कहा कि स्मारक का सवाल किसी खास पार्टी का नहीं होना चाहिए बल्कि यह उस व्यक्ति की याद में होना चाहिए जिसने देश की सेवा की.
राजनीतिक दृष्टिकोण से हटकर सोचने की जरूरत
सिद्धू ने आगे यह भी कहा कि किसी भी नेता का योगदान और उसकी सेवा को राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्मारक का स्थान और सम्मान का फैसला एक राष्ट्रीय मुद्दा है न कि किसी पार्टी विशेष का. सिद्धू ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी के लिए भी स्मारक पर विवाद उठता तो यह देश के लिए ठीक नहीं होता.
स्मारक के मामले में निष्पक्षता की जरूरत: नवजोत सिंह सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू ने अंत में आह्वान किया कि देश में एकजुटता और समानता का माहौल बने. पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के मामले को राजनीति से परे रखकर इस पर विचार किया जाना चाहिए ताकि उनकी सेवा और योगदान को सम्मान मिल सके.