
संपादक जसीम खान संवाद छत्तीसगढ़ न्यूज़ कुसमी बलरामपुर/
शहीद हकीमुद्दीन शेख के परिवार के साथ पुणे में अपमानजनक व्यवहार, रजा यूनिटी फाउंडेशन दुर्ग टिम कि जानिब से राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन और की तत्काल की कार्यवाही की मांग
दूर्ग, छत्तीसगढ़ | 4 अगस्त 2025

रजा यूनिटी फाउंडेशन, जिला-दुर्ग, कि टिम ने आज कारगिल युद्ध के शहीद नायक हवलदार हकीमुद्दीन शेख के परिवार के साथ पुणे में हुए अपमानजनक व्यवहार के खिलाफ कड़ा विरोध जताते हुए माननीय कलेक्टर, जिला दुर्ग कलेक्टर के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन शहीद के परिवार को न्याय दिलाने और इस गंभीर मामले में त्वरित कार्रवाई की माँग को लेकर प्रस्तुत किया गया।
घटना 26 जुलाई 2025 की रात पुणे के चंदननगर इलाके में घटी, जब बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सदस्यों सहित 60-80 लोगों की भीड़ ने कथित तौर पर शहीद हकीमुद्दीन शेख के निवास पर जबरदस्ती प्रवेश किया। भीड़ ने परिवार को “बांग्लादेशी” और “रोहिंग्या” जैसे अपमानजनक शब्दों से संबोधित किया, उनके आधार कार्ड और अन्य वैध दस्तावेजों को फर्जी करार दिया, और उनकी भारतीय नागरिकता पर सवाल उठाए। परिवार का आरोप है कि सादी वर्दी में मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों ने भीड़ को रोकने के बजाय निष्क्रियता दिखाई। इसके बाद, परिवार के पुरुष सदस्यों को रात 12 बजे चंदननगर पुलिस स्टेशन ले जाया गया और सुबह 3 बजे तक हिरासत में रखकर उनकी नागरिकता के दस्तावेजों की बार-बार जाँच की गई।
शहीद हकीमुद्दीन शेख ने 1984 से 2000 तक भारतीय सेना की 269 इंजीनियर रेजिमेंट में सेवा दी और 1999 के कारगिल युद्ध में देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किए। उनके परिवार का 130 वर्षों का सैन्य सेवा का गौरवशाली इतिहास है, और वे पिछले 55 वर्षों से पुणे में निवास कर रहे हैं। उनके पास आधार कार्ड, सेना के रिकॉर्ड, और पेंशन दस्तावेज जैसे सभी वैध दस्तावेज मौजूद हैं। इसके बावजूद, उनकी मुस्लिम पहचान के आधार पर अपमानित किया जाना न केवल उनके बलिदान का अपमान है, बल्कि भारतीय संविधान के समानता और सम्मान के सिद्धांतों का भी उल्लंघन है।
रजा यूनिटी फाउंडेशन ने इस घटना को धार्मिक आधार पर प्रोफाइलिंग और सतर्कतावाद (vigilantism) का स्पष्ट उदाहरण बताया है। संगठन ने अपनी माँगों में निम्नलिखित बिंदु उठाए हैं:
1.घटना की निष्पक्ष जाँच के लिए स्वतंत्र समिति का गठन, जिसमें बजरंग दल, VHP, और संदिग्ध पुलिसकर्मियों की भूमिका की जाँच हो।
2.दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई।
3.शहीद के परिवार को सार्वजनिक माफी और उचित मुआवजा।
4.अल्पसंख्यक समुदायों की प्रोफाइलिंग रोकने हेतु राष्ट्रीय दिशा-निर्देश।
5.शहीदों और उनके परिवारों के सम्मान की रक्षा के लिए विशेष कानून।
ज्ञापन सौंपने वाली टीम में जनाब आशिफ खोखर साहब, एडवोकेट अशरफ साहब,
सरफराज़ भाई,
अमान भिंडसरा ,
कलीम भाई
रज़ा भाई सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। रजा यूनिटी फाउंडेशन ने इस मामले को देश की एकता और शहीदों के सम्मान से जोड़ते हुए महामहिम राष्ट्रपति से त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की अपील की है।
पुणे पुलिस ने इस मामले में अवैध जमावड़े के लिए एक FIR दर्ज की है, और जाँच जारी है। हालांकि, परिवार का कहना है कि उनकी शिकायत पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई। इस घटना ने न केवल शहीद के परिवार को आहत किया है, बल्कि देशभर में शहीदों के सम्मान और सामुदायिक एकता को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
संपर्क:
रजा यूनिटी फाउंडेशन, जिला दुर्ग , छत्तीसगढ़ ।