By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Samwad ChhattisgarhSamwad ChhattisgarhSamwad Chhattisgarh
Notification Show More
Font ResizerAa
  • होम
  • छत्तीसगढ़
  • देश
  • मनोरंजन
  • मेरा शहर
  • राजनीति
  • विविध
Reading: भारत को मिलने वाला है वो ‘ब्रह्मास्त्र’, जो दुश्मनों को भेज देगा ‘पाताललोक’! हिल जाएंगे चीन-पाकिस्तान
Share
Font ResizerAa
Samwad ChhattisgarhSamwad Chhattisgarh
  • होम
  • छत्तीसगढ़
  • देश
  • मनोरंजन
  • मेरा शहर
  • राजनीति
  • विविध
Search
  • होम
  • छत्तीसगढ़
  • देश
  • मनोरंजन
  • मेरा शहर
  • राजनीति
  • विविध
Follow US
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms and Conditions
© © %sitename% | Design By Nimble Technology
Samwad Chhattisgarh > Blog > देश > भारत को मिलने वाला है वो ‘ब्रह्मास्त्र’, जो दुश्मनों को भेज देगा ‘पाताललोक’! हिल जाएंगे चीन-पाकिस्तान
देश

भारत को मिलने वाला है वो ‘ब्रह्मास्त्र’, जो दुश्मनों को भेज देगा ‘पाताललोक’! हिल जाएंगे चीन-पाकिस्तान

Samwad Chhattisgarh
Last updated: December 21, 2024 5:38 pm
Samwad Chhattisgarh
Share
SHARE

AIP Technology In Indian Submarines: भारतीय नौसेना ने प्रोजेक्ट-75I के तहत एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक वाली छह नई पनडुब्बियां खरीदने की योजना बनाई है. ये पनडुब्बियां फ्यूल सेल AIP तकनीक का इस्तेमाल करेंगी, जिससे वे ज़्यादा समय तक पानी के अंदर रह सकेंगी और दुश्मन को उनका पता लगाना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने में देरी हो रही है.

इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य अपने पनडुब्बी बेड़े को बढ़ाना है, जिसमें सबसे बड़ी समस्या है सही एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) सिस्टम का चयन है. भारतीय नौसेना को अभी भी दो प्रमुख दावेदारों के बीच चयन करना है, जो जर्मनी की थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम (TKMS) और स्पेन की नवांटिया है. तकनीकी मूल्यांकन, लागत संबंधी विचार और भारत की पानी के नीचे की क्षमताओं को आधुनिक बनाने की बढ़ती जरूरत के कारण यह निर्णय जटिल हो गया है.

दरअसल, पनडुब्बी युद्ध आधुनिक नौसेना रक्षा का एक महत्वपूर्ण तत्व है, जो देशों को गुप्त अभियान चलाने और जमीन और पानी के नीचे दोनों जगह सटीक हमले करने की क्षमता देता है. इसी तरह AIP तकनीक पारंपरिक पनडुब्बियों के आधुनिकीकरण के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें सतह पर आने या स्नोर्कल का उपयोग किए बिना (बिना आवाज या बेहद कम आवाज) लंबे समय तक पानी में रहने की ताकत देती है.

क्या है एआईपी तकनीक?

साइंसडायरेक्ट वेबसाइट के मुताबिक, समंदर के अंदर पनडुब्बी में अगर एआईपी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है तो वो इसे शांत और घातक हथियार बना देती है और हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से मिल कर ताकत बनाती है. पारंपरिक पनडुब्बियों में डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन का इस्तेमाल होता है, जिसमें इन्हें एनर्जी लेने के लिए वायुमंडलीय ऑक्सीजन लेने की जरूरत होती है, ऐसे में पनडुब्बी को हर दिन सतह पर आना ही पड़ता है लेकिन जब एआईपी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है तो पनडुब्बी को सप्ताह में सिर्फ एक बार सतह पर आने की जरूरत होती है.

इसके अलावा, एआईपी तकनीक से लैसे पनडुब्बियां बिना शोर किए गुपचुप तरीके से काम करती हैं. साथ ही दुश्मनों को पता भी न चले और सारी जानकारी जुटा सकती हैं, टोही जैसे मिशनों को पूरा कर सकती हैं. अन्य मीडिया रिपोर्ट्स की अगर मानें तो ये इस टेक्नोलॉजी से लैस पनडुब्बियां 50 हजार घंटे तक बिना बाहर आए अंदर रह सकती हैं और आसानी से टारगेट तक पहुंच सकती हैं. ये पनडुब्बियां ग्रीन एनर्जी पर आधारित होती हैं.

समंदर पर राज करेगा भारत

भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना 75 आई जब पूरी हो जाएगी तब भारत के पास 6 डीजल-इलेक्ट्रिक, 6 एआईपी संचालित और 6 परमाणु हमला करने वाली पनडुब्बियां होंगी. मौजूदा वक्त में भारत के पास डीजल से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियां 17 हैं और एक परमाणु चलित पनडुब्बी है.

किस देश के पास कितनी पनडुब्बियां

दुनिया में सबसे ज्यादा पनडुब्बियां रूस के पास हैं, जिसकी संख्या 65 है. अमेरिका के पास 64, चीन के पास 61 हैं. वहीं, भारत 18 पनडुब्बियों के साथ आठवें पायदान पर है. अगर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की बात करें तो उसके पास डीजल से चलने वाली 5 बड़ी और 3 छोटी पनडुब्बियां हैं. एआईपी तकनीक वाली पनडुब्बी पाकिस्तान के पास नहीं है.

प्रोजेक्ट 75I के लिए कौन सी AIP प्रणाली अपनाई जाए, इस पर भारत का निर्णय न केवल उसके पनडुब्बी बेड़े के भविष्य के लिए बल्कि उसकी व्यापक रक्षा रणनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है. जर्मन और स्पेनिश के अलग-अलग अपने-अपने फायदे हैं, लेकिन हर एक अपनी चुनौतियों के साथ आता है, जबकि जर्मन AIP प्रणाली छोटी पनडुब्बियों में सिद्ध है, यह भारत की जरूरतों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है. स्पेनिश बायोएथेनॉल-आधारित प्रणाली आशाजनक तकनीक प्रदान करती है, लेकिन 2026 तक सेवा के लिए तैयार नहीं होगी, जिससे भारत के बेड़े के आधुनिकीकरण में संभावित रूप से देरी हो सकती है.

आमरण अनशन पर किसान नेता जगजीत डल्लेवाल! सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, जानें क्या हुआ वहां
जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में बड़ा हादसा! खाई में गिरा सेना का ट्रक, 4 जवानों की मौत, कई घायल
महाकुंभ में प्रयागराज जाने के लिए छत्तीसगढ़ से चलेंगी पांच स्पेशल ट्रेनें, जानिए शेड्यूल
‘राहुल गांधी झगड़ा करने की नीयत से आए थे’, धक्का-मुक्की की घटना पर मनोज तिवारी का बयान
Earthquake Today: दिल्ली-यूपी से लेकर बिहार-बंगाल तक कांपी धरती, नेपाल में आया 7.1 तीव्रता का भूकंप
Share This Article
Facebook Whatsapp Whatsapp Telegram Copy Link
Share
Previous Article ‘संध्या थिएटर हादसे पर अल्लू अर्जुन बोले- अब हिट होगी फिल्म’, AIMIM विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी का दावा
Next Article छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने फिर की हरकत… स्पाइक होल के चपेट में आकर जवान घायल

Latest News

धमतरी,,रजा यूनिटी फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया।
July 31, 2025
बलरामपुर,,कुसमी पुलिस की बड़ी कार्यवाही अवैध तरीके से करंट तार लगाने वाले को भेजा जेल।
July 30, 2025
बलरामपुर,,आम आदमी पार्टी ने बलरामपुर जिले में बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने की बनाई रणनीति  किया बैठक का आयोजन।
July 30, 2025
बलरामपुर,,जिला स्तरीय सम्पूर्णता सम्मान का किया गया आयोजन,विकासखंड शंकरगढ़ ने रचा कीर्तिमान।
July 29, 2025
Samwad Chhattisgarh

About

Editor : Mohammad Jasim Khan

Address : Bazar para, Kushmi, Dist.  Balrampur, Chhattisgarh

Mobile : +91-9111740798

Email :  jk8759504@gmail.com

Quick Links

  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms and Conditions
Follow US
© Samwad Chhattisgarh | Design By Nimble Technology
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?